Tuesday, November 9, 2010

मुझे इस ब्लॉग की ज़रूरत क्यों पड़ी........अरशद अली

कई दिनों से सोंच रहा था, एक ऐसे ब्लॉग का रचना करूँ जिसमे ...गावं की महक हो ...रिश्तों की गर्माहट हो ...जहाँ हम सभी एक
बंधन में बंध जाएँ ...जिसमे लिखे पोस्ट हर इन्सान पर सटीक बैठता हो ...गावं मेरा हो या आपका होगा तो लगभग एक हीं जैसा..दादी मेरी या आपकी,होंगी तो एक हीं जैसी ...ममता से भरी हुई ..चश्मा लगा कर भी बड़े प्यार से पूछती हुई ...बेटा अरशद या अमज़द...और बहुत चिल्ला-चिल्ला कर मेरा ये ये बताना की दादी मै अरशद .... और उनका मुझे छू छू कर बात करना...ऐसी ऐसी हीं कई छोटी छोटी बातें जो आप भी महसूस करते हें ...

मेरे इस ब्लॉग पर आपको मिटटी की महक रिश्तों की गर्माहट ...कविता,आलेख,कहानी या संस्मरण के स्वरूप में मिलेगा ...इस ब्लॉग को सफल बनाने में आपकी योगदान की आवश्यकता है ... आपके सलाह का मुझे इंतजार रहेगा...आप मुझे मेल कर सकते हैं - arshad.ali374@gmail.com .

क्या इस ब्लॉग में मै अन्य सदस्य जो इस ब्लॉग के लिए पोस्ट लिखे,शामिल कर सकता हूँ..अगर हाँ तो कैसे? इसके लिए मुझे क्या करना होगा ..आप बताएँगे तो मुझे ख़ुशी होगी .

आपका
अरशद अली

1 comment:

उस्ताद जी said...

बरखुदार आपका स्वागत है
आपका ब्लॉग दर्ज कर लिया है
आता रहूँगा .......